Infertility: मोबाइल और लैपटॉप के इस्तेमाल से भी बांझपन के शिकार हो रहे हैं लोग

क्यों पढ़ रही है बांझपन की समस्या:

देश में इनफर्टिलिटी (Infertility) यानी बांझपन की समस्या काफी बढ़ रही है. शादी के बाद देखा जा रहा है कि संतान की चाहत के लिए लोग आईवीएफ क्लीनिक के चक्कर लगा रहे हैं।

अब कई मामलों में पुरुष भी बांझपन का शिकार हो रहे हैं। इनफर्टिलिटी होने का मुख्य कारण खराब शारीरिक सेहत और हार्मोन के असंतुलन को माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि डिजिटल डिवाइस यानी मोबाइल, टीवी और लैपटॉप के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल की वजह से बांझपन की समस्या बढ़ रही है?

कोरोना महामारी के बाद से तो लोगों में इन डिजिटल डिवाइस का प्रयोग काफी बढ़ गया है। लेकिन इस सब की वजह से सेहत पर गंभीर असर पड़ रहा है।

दुनिया भर में हुई कई रिसर्च में यह सामने आया है कि इन उपकरणों की वजह पुरुषों में स्पर्म काउंट कम हो रहा है और इनफर्टिलिटी की परेशानी हो रही है.आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि डिजिटल उपकरणों की वजह से बांझपन क्यों बढ़ रहा है?

गुंजन आईवीएफ वर्ल्ड ग्रुप की चेयरमैन डॉ. गुंजन गुप्ता बताती हैं ”अब लोग डिजिटल दौर में हैं और इसने लाइफस्टाइल खराब हो रहा है और सेहत पर गंभीर असर पड़ रहा है, जिससे कई तरह की बीमारियां होने लगी हैं।

इन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस के कारण इनफर्टिलिटी की परेशानी भी बढ़ी है। भारत में स्मार्टफोन और मोबाइल टॉवरों से निकलने वाला रेडिएशन अन्य देशों के तुलना में काफी ज्यादा है। इस रेडिएशन से देश में 10 से 12 प्रतिशत दंपति फर्टिलिटी की समस्याओं से जूझ रहे हैं”

कारण:

फोन से कैसे प्रभावित होती है फर्टिलिटी?

डॉ. गुंजन बताती हैं कि स्मार्टफोन का ज्यादा उपयोग करने से पुरुषों में स्पर्म काउंट घटने का खतरा रहता है। साथ ही उनके अंदर फुर्ती की कमी भी हो जाती है। लंबे समय तक मोबाइल रखने और गोद में लैपटॉप रखने से स्पर्म काउंट की गुणवत्ता खराब होती है।

पुरुषों में स्पर्म प्रोड्यूस करने वाले जो टेस्टेस होते हैं उनपर हीट का असर महिलाओं की ओवैरीज की तुलना में ज्यादा होता है। ऐसे में इन उपकरणों की गर्मी और रेडिएशन स्पर्म सेल की ग्रोथ को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं।

रेडिएशन के कारण डीएनए भी डैमेज हो जाता है, जिससे सेल्स की खुद को रिपेयर करने की क्षमता कम हो जाती है। इस तरह रेडिएशन की वजह से फर्टिलिटी में परेशानी होती है।

टीवी देखने से स्पर्म काउंट हो रहा कम

अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित हुई स्टडी के मुताबिक, एक सप्ताह में 20 घंटे से ज्यादा टीवी देखने से स्पर्म काउंट में 35 फीसदी की गिरावट आ जाती है। ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन की एक रिसर्च में बताया गया है कि टीवी देखने से स्पर्म काउंट का सीधा संबंध है।

इस रिसर्च में 18 से 20 साल की उम्र के 200 छात्रों के स्पर्म सैंपल लिए गए थे जिसकी रिपोर्ट में पता चला जो छात्र लगातार टीवी देखते हैं, उनका स्पर्म काउंट 37 मिलियन प्रति मिलीमीटर रहा, जबकि जिन छात्रों ने बहुत ही कम टीवी देखा उनका काउंट 52 मिलियन प्रति मिलीमीटर आया।

डॉ. के मुताबिक, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि टीवी देखने के दौरान शरीर आलस में रहता है। बॉडी में कोई एक्टिविटी नहीं होती है। जिसका असर स्पर्म काउंट पर पड़ता है।

जंक फूड की वजह से भी बढ़ रही परेशानी

डॉ. गुंजन के मुताबिक, जंक फूड खाने और अव्यवस्थित लाइफस्टाइल इंसान को मोटापे की तरफ ले जा रहे हैं और ये भी बांझपन का प्रमुख कारण है। मोटापे के कारण पुरुषों में सेक्स की इच्छा में कमी आने लगती हैं। मोटापे से सेक्सुअल डिजायर्स तो कम होती ही है, साथ ही सेक्स के दौरान जल्दी थकान भी हो जाता है।

गर्म जगह पर बैठना

गर्म जगह पर बैठने से भी ये समस्या हो सकती है इसलिए जहाँ पर बैठें उस स्थान पर धूप की किरण सीधे उस स्थान पर न लगती हो या आग की गर्मी। कभी भी ठंडे स्थान पर बैठें।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। नेचुरल वे क्योर इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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