निपाह वायरस से एक की मौत, खजूर के जूस के सेवन में बरतें सावधानी
बांग्लादेश में अभी निपाह वायरस का दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है, ऐसे में भारत को सचेत रहने की ज़रूरत है नहीं तो ये वायरस महामारी का रूप ले सकता है। आईईडीसीआर के मुताबिक निपाह वायरस से संक्रमित 71 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है।
देश में निपाह वायरस से एक व्यक्ति की मौत हो गई है:
इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी डिजीज कंट्रोल एंड रिसर्च (आईईडीसीआर) द्वारा बुधवार को आयोजित “शीतकालीन संक्रामक रोग और निपाह वायरस ट्रांसमिशन” पर एक सम्मेलन में यह जानकारी दी गई।
आईईडीसीआर के मुताबिक मृतक राजशाही का रहने वाला था। महिला को कच्चे खजूर के रस का सेवन करने का लत था।
इससे पहले 2022 में निपाह वायरस संक्रमण के तीन मामले सामने आए थे, जिनमें से दो की मौत हो गई थी:
आईईडीसीआर की निदेशक प्रोफेसर डॉ. तहमीना शिरीन ने कहा कि निपाह वायरस बांग्लादेश में चमगादड़ों की लार या पेशाब से फैलता है। मनुष्य वायरस को तब अनुबंधित करता है जब वे दूषित कच्चे ताड़ का रस पीते हैं और इसे दूसरों तक पहुँचाते हैं।
उसने कहा: “कच्चे खजूर का रस और कोई भी आधा खाया हुआ फल नहीं खाना चाहिए। आईईडीसीआर के मुताबिक, निपाह वायरस से संक्रमित 71 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है।
सम्मेलन में वक्ताओं ने यह भी कहा कि रस का सेवन करने के बाद निपाह वायरस के संक्रमण के लक्षण आठ से नौ दिन लगते हैं। मानव-से-मानव फैलने के मामले में, लक्षण 6 से 11 दिनों के बाद दिखाई देते हैं।
आईईडीसीआर के शोधकर्ताओं के मुताबिक, खजूर का जूस गर्म करके पीना सुरक्षित है। कंपनी ने पाम जूस लेने वालों को काम के बाद साबुन से हाथ धोने की भी सलाह दी।
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