उच्च रक्तचाप (Hypertension) क्या है? यह दबाव ( प्रेशर ) जिससे रक्त धमनियों (आर्टरीज) में प्रवाह करता है उसको रक्तचाप / (Hypertension) (ब्लडप्रेशर) कहते हैं।

यह प्रत्येक व्यक्ति में, प्रत्येक आयु में अलग अलग होता है तथा समय के साथ कम या अधिक (लो अथवा हाई) होता रहता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) (वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन) के अनुसार वयस्क मनुष्य ब्लडप्रेशर 160 / 95 mmHg अथवा उससे ऊपर / अधिक हो तो उसको 'हाई ब्लडप्रेशर' (उच्च रक्तचाप) मानना चाहिए।

सामान्य/ प्राकृत(नार्मल) ब्लडप्रेशर वयस्क पुरुष में 120/90 mmHg और बच्चों में 100/60 mmHg माना जाता है। स्त्रियों में पुरुषों की अपेक्षा 3% ब्लडप्रेशर कम होता है।

स्वस्थ व्यक्ति में - प्रकुञ्चनीय रक्त दबाव (सिस्टोलिक प्रेशर / Systolic Pressure) 100-150 mmHg तथा हृत्प्रसार दबाब (डायस्टोलिक प्रेशर / Diastolic Pressure)

60-90mmHg सामान्य / प्राकृत यानि नार्मल माने जाते हैं। रक्त भार वृद्धि का रोग 15-20% हृदय रोगियों में पाया जाता है।

आम लोगों में से 10% लोग इस रोग से पीड़ित हैं ।50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में से 50% लगभग व्यक्ति इस रोग से पीड़ित हैं। संसार में जितनी मृत्यु होती है उनमें 20% के लगभग इसी रोग से होती है।

रक्तचाप (Hypertension) होने का कारण: रक्तचाप- चिन्ता, तनाव, भय, परिश्रम, विश्राम(बैठने- लेटने), दर्द, मानसिक अवस्था, पेट की खराबी(कब्ज, गैस) अथवा अन्य कारणों से कम अथवा अधिक हो सकता है।

• आनुवांशिकता - इसकी गणना महत्वपूर्ण कारणों में होती है, क्योंकि यदि किसी व्यक्ति के (दोनों) माता-पिता को यह रोग (Hypertension) हो तो उस व्यक्ति को हाइपरटेन्शन होने की सम्भावना 50% रहती है।

• यह रोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की अपेक्षा शहरों में रहने वाले लोगों में अधिक मिलता है। मधुमेह (डायबिटीज) के रोगी तथा मोटे लोग भी इस रोग से पीड़ित मिलते हैं।

• अधिक मानसिक परिश्रम और अधिक भाग दौड़ करने वाले लोगों में भी यह रोग हो जाता है। • नमक अधिक मात्रा में खाने से - नमक शरीर के पानी को रोककर ब्लड़ प्रेशर को बढ़ा देता है।

रक्तचाप (Hypertension) होने का लक्षण: इस रोग से पीड़ित रोगियों में अलग - अलग लक्षण मिलते हैं। बहुत से रोगियों में ब्लडप्रेशर अधिक होने पर भी कोई भी लक्षण नहीं मिलता

बल्कि ऐसे लोग जब किसी अन्य रोग की चिकित्सार्थ- चिकित्सक के पास जाते हैं तब जांच- (निरीक्षण/ परीक्षण) करने पर ब्लडप्रेशर अधिक मिलता है। ये लक्षण नीचे लिखे प्रकार के होते हैं-

• सिरदर्द (इस रोग का यह मुख्य लक्षण है) रोगी को सिर में भारीपन तथा कनपटी में चब - चब सी लगती है। सुबह के समय सिरदर्द अधिक होता है।

• थकावट। • चक्कर आना। • वमन / कय होना। • अनिद्रा / नींद न आना (इस कारण रोगी पूरी-पूरी रात करवटें बदलता रहता है) • स्मरण शक्ति की कमी। बार-बार मूत्र त्याग। नक्सीर (नाक से खून निकलना)।

• हृदय का जोर-जोर से धड़कना। कानों में सीटी सी बजना। • बेचैनी तथा स्वभाव में चिड़चिड़ापन। ऐसी ही और जानकारी के लिए हमें निचे क्लिक करें