टोमैटो फ्लू क्या है?
टमाटर फ्लू एक दुर्लभ वायरल बीमारी है जो लाल रंग के चकत्ते, त्वचा में जलन और निर्जलीकरण का कारण बनती है और इस रोग के नाम से ही पता चलता है कि जो टमाटर की तरह दिखते हैं।
बेंगलुरु: कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री सुधाकर ने बुधवार को कहा कि पड़ोसी राज्य केरल में टमाटर फ्लू की खबरों से घबराने की जरूरत नहीं है
क्योंकि यह उस राज्य के लिए स्थानिक है और सीमावर्ती जिले के अधिकारियों को इसके प्रसार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।
किसको हो रहा ये फ्लू?
केरल में टमाटर का बुखार पांच साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित कर रहा है। हालांकि कुछ लक्षणCOVID-19 के समान हैं, टमाटर फ्लू का COVID-19 से कोई लेना-देना नहीं है।
ये लक्षण आमतौर पर अन्य प्रकार के वायरल संक्रमणों में भी देखे जाते हैं। घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है।
सुधाकर के द्वारा कहा गया है कि ये फ्लू अधिक फैल नहीं सकता इसीलिए चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। आगे स्लाइड में जाने इस फ्लू के बारे में
टोमैटो फ्लू के लक्षण क्या हैं?
टोमैटो फ्लू में चिकनगुनिया जैसे लक्षण ही दिखते हैं। इससे संक्रमित होने पर तेज बुखार, शरीर में दर्द, जोड़ों में सूजन और थकान होती है।
हालांकि, इससे संक्रमित बच्चों में त्वचा में जलन और चकत्ते भी पड़ रहे हैं जिससे शरीर के कुछ हिस्सों पर छाले पड़ जाते हैं।
इससे संक्रमित होने पर पेट में ऐंठन, उल्टी या दस्त की शिकायत भी होती है। इसके साथ ही हाथ और घुटनों के अलावा शरीर के कुछ हिस्सों का रंग भी बदल जाता है।
हालांकि, ये बीमारी आई कहां से इस बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चला है। स्वास्थ्य अधिकारी अभी भी टोमैटो फ्लू के सही कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
केरल में कहां-कहां फैल रही ये बीमारी?
केरल के अर्यांकवु, आंचल और नेदुवथुर से वर्तमान में टमाटर फ्लू के मामले सामने आए हैं।
इस पृष्ठभूमि में कर्नाटक के सीमावर्ती जिलों- मंगलुरु, उडुपी, कोडागु, चामराजनगर और मैसूर को केरल के दैनिक यात्रा करने वाले लोगों
पर निगरानी रखने और ओपीडी में उपरोक्त किसी भी लक्षण के लिए बच्चों की निगरानी करने का निर्देश दिया गया है। स्वास्थ्य संस्थानों के बयान में कहा गया है।
इस तरह के लक्षणों वाले किसी भी मामले का पता चलने पर राज्य आईडीएसपी (एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम) अनुभाग को तुरंत सूचित करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
इससे बचने का क्या तरीका है?
बताया जा रहा है कि ये बीमारी नई है और अभी तक इसके बारे में ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं है
इसलिए इसका कोई पुख्ता इलाज नहीं है। संक्रमण से बचने के लिए अपने आसपास साफ-सफाई को बनाए रखें, शरीर में पानी की कमी न होने दें, पानी पीते रहें।
इसके अलावा अगर कोई भी लक्षण दिखता है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं अगर बच्चों में संक्रमण है तो उन्हें छालों को खुजाने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे बात और बिगड़ सकती है।
संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें। अगर संक्रमण हो गया है तो आराम करें।