chitrakadi vati uses in hindi | chitrakadi vati benefits | चित्रकादि वटी के फायदे
चित्रकादि वटी क्या है?
चित्रकादि वटी (chitrakadi vati) एक प्रकार की वटी यानी आयुर्वेदिक गोली है जो पाचन संबंधी विकारों में प्रयोग की जाती है।
चित्रकादि वटी में प्रयोग होने वाले सामग्री: chitrakadi vati ingredients
चित्रकमूल की छाल, पीपलामूल, सज्जीखार, यवक्षार, सेंधानमक, सोंचर नमक, काला नमक, समुद्र नमक, सांभर नमक, सोंठ, काली मिर्च, छोटी पीपल, घी में सेंकी हुई हींग, अजमोद, चव्य-प्रत्येक समान भाग लेकर कूट-कपड़छन चूर्ण बना बिजोरा या दाड़िम के रस में 1 दिन मर्दन कर, चने के बराबर गोलियाँ बना, सुखाकर रख लें।
वक्तव्य
‘अन्तः सम्मार्जने प्रायोऽजमोदा तु यवानिका’ इस उक्ति के अनुसार अजमोदा के स्थान पर अजवायन डालकर बनाना उत्तम है।
चित्रकादि वटी का सेवन कैसे करें?
2-4 गोली जल के साथ भोजन के बाद दें।
चित्रकादि वटी के फायदे: chitrakadi vati ke fayde
आमाशय के बिगड़ जाने पर अन्न ठीक से हजम नहीं होता हो, अर्थात् खाये हुए पदार्थों का अच्छी तरह से परिपाक न होने पर आंवयुक्त कच्चा मल दस्त के साथ निकलता हो (इसकी चिकित्सा जल्दी नहीं करने से संग्रहणी हो जाती है) तो जल के साथ सुबह-शाम इसका सेवन करने से अग्नि प्रदीप्त हो जाती और भूख खुलकर लगने लगती है।
अन्न का अच्छी तरह से परिपाक होने पर आँव का बनना बिल्कुल बन्द हो जाता है और पाचनशक्ति ठीक हो जाती है। आँवपाचन के लिये यह वटी सर्वोत्तम लाभदायक है। पेट में वायु का या कफ का प्रकोप होने पर उदरशूल, विबन्ध, पेशाब कम होना आदि त्रासदायक कष्ट हो जाते हैं, उनमें इस बटी के सेवन से शीघ्र लाभ होता है।
चित्रकादि वटी के नुकसान: chitrakadi vati ke nuksan in hindi
जो मरीज पाचन संबंधी समस्याओं के लिए एलोपैथी दवाओं प्रयोग कर रहे हों, गर्भावस्था एवं स्तनपान कराने वाली महिला, जिनके पेट का सर्जरी हुआ हो आदि इस (chitrakadi vati) औषधि का सेवन चिकित्सक सलाह के अनुसार करें।
इस औषधि के सेवन के साथ-साथ नीचे दिए गए योगासन को करने से अधिक लाभ होगा-
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। नेचुरल वे क्योर इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।
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