इस लेख में आप जानेंगे (Kali khansi aur nimoniya me antar) न्यूमोनिया और काली खांसी में क्या अंतर है? जोकि नीचे विस्तार पूर्वक बताये गये हैं। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप जान पायेंगे कि न्यूमोनिया और काली खांसी में क्या अंतर है?
फुफ्फुस शोथ ( Pneumonia )
पर्यायवाची– फुफ्फुस पाक, फुफ्फुस प्रदाह, निमोकोक्स न्यूमोनिया।
रोग परिचय– फेफड़ों की शोथ/सूजन को ‘न्यूमोनिया’ कहा जाता है। इस रोग में फेफड़ों के ऊतकों में दृढ़ीकरण हो जाने के कारण पीड़ित रोगी को ज्वर, खांसी तथा सांस लेने में कष्ट होता है। न्यूमोनिया को उसके कारण के अनुसार हम नीचे लिखे प्रकार कह सकते हैं-
• बैक्टीरियल न्यूमोनिया
• वायरल न्यूमोनिया
• फंगल न्यूमोनिया
• प्रोटोजोअल न्यूमोनिया
• रिकेटसियल न्यूमोनिया
बनावट के अनुसार इसको नीचे लिखे दो भागों में बांटा जा सकता है–
(1) लोबर न्यूमोनिया (Lobar Pneumonia)
(2) ब्रान्को न्यूमोनिया अथवा लोब्युलर (Broncho Pneumonia Lobular)
जीवाणुओं के द्वारा फेफड़ों के वायु मार्ग व सूक्ष्म प्रणालियों में और उनसे सम्बन्धित वायु कोष्ठों में उत्पन्न शोथ से वायु मार्ग अधिक तंग/संकरा हो जाता है तथा इससे पीड़ित रोगी को सांस लेने में कष्ट होता है।
ब्रान्को न्यूमोनिया (Broncho Pneumonia) पर्यायवाची – श्वसनी फुप्फुस शोथ , लोब्यूलर न्यूमोनिया।
रोग परिचय– फेफड़ों की प्राथमिक इकाई लोब्यूल में स्थान- स्थान पर संक्रमण से होने वाले न्युमोनियों को ‘ब्रांन्को न्युमोनिया’ अथवा ‘लोब्युलर न्युमोनियां’ कहा जाता है। इस न्यूमोनिया में फेफड़ों के साथ ही साथ श्वास नलिकोओं (Bronchioles) में भी संक्रमण हो जाने से फेफड़ों में स्थान-स्थान पर छोटे-छोटे घाव हो जाते हैं। यह रोग प्राय: बच्चों और बूढ़ों में होता है।
बच्चों में खसरा (मीजिल्स) अथवा काली खांसी (लूपिंग कफ) के बाद तथा बुजुर्गों में दीर्घकालीन (क्रोनिक) ब्रोंकाइटिस तीव्र (एक्यूट) ब्रोंकाइटिस अथवा इन्फ्लूएञ्जा के बाद में होता है। रोगी की श्वास नलिकाओं मे मवाद (पीप) युक्त स्राव इकट्ठा होने से वायुकोष्ठ सिकुड़कर एकत्रित होकर ठोस हो जाते हैं। यह रोग बिना समुचित चिकित्सा के अपने आप (स्वतः) ठीक नहीं होता है और आगे चलकर पल्मोनरी फाइब्रोसिस (Pulmonary Fibrosis) में बदल जाता है।
काली खांसी (Whooping Cough)
पर्यायवाची – कुकुर खांसी, संक्रामक कास रोग, काली खांसी, हूपिंग कफ, परटूसिस (Pertussis)
रोग परिचय– यह प्राय: बच्चों में पाया जाने वाला संक्रामक रोग है जिसमें पीड़ित बच्चे/रोगी को खांसी के बार-बार दौरे उठते हैं। खांसी के एक आवेग/दौरे का अन्त एक विशिष्ट खो-खो (Whoop) की आवाज व लम्बे और आवाज/ध्वनि युक्त अन्त: श्वसन के साथ होता है।
निष्कर्ष: दोनों समस्याओं को पढ़ने के बाद यह निष्कर्ष निकला कि काली खांसी एक तरह का संक्रामक रोग है जबकि न्यूमोनिया एक तरह का श्वसन संस्थान के रोग हैं।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। नेचुरल वे क्योर इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।
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