खीरा भारत में बहुत लोकप्रिय और व्यापक रूप से उगाई जाने वाली सब्जी है। खीरा के सेवन से शरीर को शीतलन और ताज़गी मिलती है।

खीरा एक भरोसेमंद रेचक भोजन है। यह आंत्र क्रिया में सहायता के लिए थोक आपूर्ति करता है। जो लोग कब्ज से पीड़ित हैं उन्हें दिन में दो खीरा खाने से काफी फायदा हो सकता है।

खीरे का रस अति अम्लता, गैस्ट्रिक और ग्रहणी संबंधी अल्सर के उपचार में एक मूल्यवान खाद्य औषधि है। ऐसी स्थितियों में इसे हर दो घंटे में चार से छह औंस की खुराक में लेना चाहिए।

गाजर, चुकंदर और अजवाइन के रस के साथ खीरे का रस, गठिया, गाउट जैसे यूरिक एसिड के संचय से जुड़ी स्थितियों में बहुत लाभकारी प्रभाव डालता है।

खीरे के बीज पोटैशियम से भरपूर होते हैं। ऐसे विकारों के शिकार व्यक्तियों में मूत्र, पथरी या मूत्र में जलन के उपचार में छिलके के बीजों का पायस अत्यधिक लाभकारी पाया गया है।

एक गिलास ताजे पत्तों के रस को नारियल के पानी में मिलाकर, हर घंटे एक या दो औंस दिया जाए तो हैजा के दौरान अत्यधिक प्यास को कम किया जा सकता है।

त्वचा के फटने में खीरे का रस कारगर साबित हुआ है। बेहतर परिणाम के लिए इस रस में गाजर, सलाद पत्ता का रस मिलाना चाहिए।

कद्दूकस किया हुआ खीरा चेहरे, आंखों और गर्दन पर 15 से 20 मिनट के लिए लगाने से सौंदर्य में सहायक और चेहरे की त्वचा के लिए एक बेहतरीन टॉनिक के रूप में प्रभावी पाया गया है।

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