इस लेख में जानेंगे (Dysuria kya hai aur iske karan aur lakshan in hindi) पेशाब में जलन होने का कारण और लक्षण।
पर्यायवाची– मूत्र कृच्छ, मूत्र त्याग करने में पीड़ा या जलन का होना, कठिन या पीड़ा जनक मूत्रोत्सर्ग, डिस्यूरिया।
रोग परिचय
मूत्र की कष्टप्रद प्रवृत्ति को मूत्र कृच्छ कहते हैं। इस दशा में वस्ति मूत्र से परिपूर्ण रहा करती है तथा रोगी को मूत्र त्याग करने की इच्छा / हाजत भी होती है, किन्तु मूत्र मार्ग में अवरोध होने के कारण अथवा इसी प्रकार की अन्य विकृति हो जाने से मूत्र त्याग कष्टपूर्वक होने लगता है। मूत्र रोगों में इस अवस्था को ‘इनकांटीनेंस ऑफ यूरिन’ भी कहा जाता है।
Dysuria रोग के प्रमुख कारण
• तीक्ष्ण औषधियों (Aphrodisiacs) का सेवन।
• रूक्ष पदार्थों का सेवन।
• अत्याधिक मद्यपान की लत।
• अधिक व्यायाम (एक्सरसाइज Exercise)
• आनूप जन्तुओं का मांस का सेवन करना।
• तेज चाल से चलने वाले घोड़े आदि पर प्रतिदिन सवारी करना।
• मूत्राशय विकार (यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन U.T.I)
• मूत्र स्रोत के विकार
• मूत्र की प्रतिक्रिया अत्यधिक अम्लीय होना।
• अजीर्ण (अपच) होना।
Dysuria रोग के मुख्य लक्षण
• मूत्र त्याग करते समय पीड़ा और जलन का अनुभव।
• वंक्षण, वस्ति तथा मूत्रेन्द्रिय में भयंकर पीड़ा होना। रोगी बार – बार थोड़ा – थोड़ा मूत्र करता है।
• कभी – कभी मूत्र पीला तथा रक्त (खून) युक्त होना।
• वस्ति तथा मूत्रेन्द्रिय में शोथ तथा भारीपन।
• अपने स्थान से हटा हुआ वीर्य जब ‘दोषों’ के प्रकोप से अवरूद्ध होकर मूत्र मार्ग में रूक जाता है उस दशा में रोगी को शुक्र सहित मूत्र त्याग कष्ट के साथ होता है। रोगी की वस्ति और शिश्न / लिंग (पेनिस- Penis) में पीड़ा होती है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। नेचुरल वे क्योर इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।
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