Asthma rog ka karan in hindi | अस्थमा रोग किस कारण से होता है?

आज के लेख में आप जानेंगे अस्थमा किस कारण (Asthma rog ka karan in hindi) से होता है जो कि नीचे पूरे विस्तार से बताया गया है।

अस्थमा का प्रमुख कारण

1. एलर्जिक (Allergic) एटोपिक अथवा बाहरी कारण (Atopic or Extrinsic Asthma)

2. अज्ञातहेतुक-नॉन एटोपिक या आभ्यन्तरिक अस्थमा।

प्रमुख कारण नीचे लिखे हुए हैं

बाहरी कारण से होने वाला दमा (Extrinsic Asthma)

• प्रायः कम आयु में ऋतु परिवर्तन के समय होता है।

• सामान्यतः पुरुषों में।

• बाहर की एण्टीजनिक वस्तुओं के प्रति अति संवेदनशीलता (Hypersensitivity) यथा मिट्टी (Dust) परिश्रम/मेहनत, ठण्डी वायु (हवा) लग जाने से, धुंआ, पेड़-पौधों के कण व अण्डे।

ऐसे रोगियों में ‘एलर्जी’ का इतिहास (हिस्ट्री) होता है। यह परिवार के अन्य सदस्यों में भी मिलता है। ऐसे रोगी गम्भीर स्थिति में नहीं पाये जाते हैं। इन रोगियों में आकस्मिक ‘दौरा’ बहुत कम पड़ता है।

आन्तरिक अस्थमा (Intrinsic Asthma)

• इसमें बाहरी एलर्जन का कोई कार्य नहीं होता है।

• 50 % से अधिक रोगी इसी दमा की श्रेणी में आते हैं।

• आयु 40 वर्ष अथवा अधिक ।

अवक्षेपीय कारक 

• बीड़ी-सिगरेट (धूम्रपान), धूल, ठण्डी हवा, मानसिक तनाव, अधिक परिश्रम, विषैली गैस।

• औषधियाँ यथा एस्प्रिन, आइबूप्रोफेन आदि।

• ब्रोंकाइटिस, क्षय रोग (TB), पहली पीढ़ी से चलने वाला रोग।

एपिसोडिक अस्थमा (Episodic Asthma)

इसमें दमा का दौरा रोगी को अचानक आता है। रोगी को बार-बार खांसी, सांस लेने में कष्ट तथा सांस छोड़ते हुए सीटी की आवाज और घरघराहट (Wheezing and Rhonchi) की आवाजें आती हैं।

इसके साथ ही रोगी की छाती जकड़ी हुई तथा सांस में सी अनुभव होने के साथ ही रोगी के गले की शिरायें (नसें) फूल जाती है। तथा रोगी पसीने से तर – बतर हो जाता है।

दीर्घकालिक अस्थमा (Chronic Asthma)

इसमें रोगी का सांस निरन्तर व सदैव फूलता रहता है। थोड़ा सा भी काम करते ही उसको श्वास लेने में कष्ट होने लगता है। छाती में निरन्तर सीटी सदृश आवाज तथा घरघराहट की आवाज आती रहती है।

ऐसे रोगियों में संक्रमण (इन्फैक्शन) बार-बार होता है तथा साथ ही दीर्घ कालीन श्वसनी शोथ (Chronic Bronchitis) भी हो सकता है।

गम्भीर दमा (Severe Asthma)

इसमें रोगी की बेचैनी और घबराहट बढ़ जाती है तथा वह आराम से लेट भी नहीं पाता है। उसको चलने फिरने में भी कष्ट होता है और ठण्डे पसीने आना प्रारम्भ हो जाते हैं। रोगी की छाती की घरघराहट दूर तक सुनाई पड़ती है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। नेचुरल वे क्योर इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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