Otorrhea: क्या है Otorrhea? जानें कारण और लक्षण।

इस लेख में जानेंगे कि Otorrhea क्या होता है और उनके कारण कौर लक्षण।

पर्यायवाची– कान से पीप / मवाद आना, कान से स्राव निकलना, Suppurative otitis media 

रोग परिचय

इसमें रोगी के रोग पीड़ित के एक या दोनों कानों से स्राव निकलता रहता है। मुख्यतः यह रोग बच्चों को होता है। 

Otorrhea रोग के प्रमुख कारण 

• कण्ठमूल ग्रन्थिशोथ तथा एडीनॉयड से पीड़ित रोगी में विशेषकर। 

• कुक्कुर खांसी (हूपिंग कफ), स्कारलेट फीवर (लाल बुखार), खसरा (Measles) आदि संक्रामक रोग से पीड़ित रोगियों में यह रोग 15-20 % हो जाता है। 

• कान के भीतर चोट लग जाने से। 

• कान में पानी चले जाने से (जब कान का पर्दा फटा हुआ हो) 

• कान को कुरेदने से। 

• पुराना सर्दी जुकाम, ट्यूमर, कान में फुन्सी, तीव्र मध्यकर्ण शोथ तथा उपदंश व क्षय रोग के परिणाम स्वरूप। 

Otorrhea रोग के मुख्य लक्षण 

• कान में भारीपन। 

• कान में दर्द तथा शिरःशूल (Headache)

• कान से लगातार अथवा रुक – रुक कर स्राव आना। 

• कान से आवाज आते रहना। 

• श्रवण शक्ति (Hearing power) कम हो जाना। 

• रोगी को शीत के साथ मामूली बुखार। 

• कभी – कभी नेत्रों की पलकों में सूजन। 

• कान के पर्दे का फट जाना।

• पीप / मवाद के साथ कभी – कभी खून भी आना। 

• कण मार्ग में सूजन। 

विशेष— यह स्राव ‘पस’ वाला होता है तो रोगी को बुखार भी आ जाता है। यदि स्राव पतला पानी सदृश है तो दीर्घकालीन (क्रोनिक) मध्य कर्ण शोथ के लक्षण होते हैं। यदि स्राव पस (Pus) वाला है तो कान में फुन्सी के लक्षण होते हैं। 

यदि कान में दुर्गन्धित स्राव होता है तो कान के पर्दे में छेद के साथ पोलिप आदि मध्यकर्ण शोथ होता है। यदि कान से रक्त मिश्रित स्राव आता है तो चोट, टयूमर, पोलिप आदि की संभावना होती है। जब कान से पीव खूब आने लगता है तब रोगी के ज्वर व सिरदर्द आदि के लक्षण शान्त हो जाते हैं।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। नेचुरल वे क्योर इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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