इस लेख में लेरिन्जाइटिस क्या है? (What is laryngitis disease in hindi) और कारण, लक्षण, रोग की पहचान के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई है।
पर्यायवाची– स्वर यन्त्र प्रदाह, लेरिन्जाइटिस।
रोग परिचय
इसमें स्वर यन्त्र की श्लेष्मा झिल्ली में सूजन आ जाती है। यह सूजन स्वर रज्जू तथा उसके ऊपर – नीचे के स्वर यन्त्र के भाग में होती है। इस रोग विकृति में रोगी को भोजन करने, थूक निगलने में कष्ट होता है। कष्ट प्रदायक खांसी होती है। आवाज बैठ जाती है। प्रदाह अधिक बढ़ने पर रोगी को ज्वर भी हो जाता है। स्वर यन्त्र में दर्द होता है तथा सांस लेने में कष्ट होता है।
लेरिन्जाइटिस (Laryngitis) रोग के मुख्य कारण
• ऋतु परिवर्तन होना।
• सामान्य सर्दी जुकाम, इन्फ्लूएञ्जा ज्वर।
• श्वसन तन्त्र के संक्रमण।
• तम्बाकू, बीड़ी – सिगरेट (धूम्रपान) का अधिक सेवन।
• जुकाम की अवस्था में अधिक जोर से बोलना।
• धुंआ व अधिक प्रदूषण वाले क्षेत्रों में काम करना।
• कास्टिक सोडा का सेवन करने से।
• अधिक अल्कोहल की मात्रा।
• स्वर यन्त्र में चोट।
• नाक में रुकावट।
• श्वास नली में नली या इंडोस्कोप डालने के परिणाम स्वरूप।
लेरिन्जाइटिस (Laryngitis) रोग के मुख्य लक्षण
• सूखी खांसी आना।
• गला बैठना, आवाज भारी हो जाना तथा कभी – कभी आवाज का बिल्कुल ही बन्द हो जाना।
• गले में खर – खराहट रहना।
• दर्द कम होता है किन्तु बोलने तथा कुछ भी निगलने में दर्द अधिक होता है।
• श्वास लेने में कष्ट।
• स्वर यन्त्र में दर्द।
• जुकाम, ज्वर, थकावट तथा नाक बहना।
लेरिन्जाइटिस (Laryngitis) रोग की पहचान
• इन डायरेक्ट लैरिंगोस्कोपी करने पर दोनों वोकल कॉर्ड पर लालिमा तथा चिपचिपा स्राव मिलता है तथा बोलने पर ग्लोटिस स्पिण्डल आकार की हो जाती है।
उपद्रव
समुचित चिकित्सा के अभाव में रोग जीर्ण रूप में (क्रोनिक लेरिन्जाइटिस) में परिवर्तन हो जाता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। नेचुरल वे क्योर इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।
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