ajmodadi churna uses in hindi | अजमोदादि चूर्ण के फायदे और नुकसान, परिचय, सामग्री, बनाने की विधि, सेवन विधि | अजमोदादि चूर्ण के फायदे | अजमोदादि चूर्ण के लाभ | ajmodadi churna ke fayde aur nuksan in hindi
परिचय:
आयुर्वेद में जड़ी-बूटियों और पौधों का उपयोग विभिन्न बीमारियों के उपचार में होता है। अजमोदादि चूर्ण भी एक ऐसी पौधा है जिसे आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग किया जाता है। यह चूर्ण कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में मददगार साबित हो सकता है, लेकिन इसका सेवन सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए क्योंकि कई बार इसका अधिक सेवन भी नुकसानकारी हो सकता है।
अजमोदादि चूर्ण की सामग्री | ajmodadi churna ingredients in hindi
अजमोद, वायविडंग, सेंधा नमक, देवदारु, चित्रक मूल की छाल, सोया, पीपल, पीपलामूल, काली मिर्च- प्रत्येक 1-1 तोला, हर्रे 5 तोला, विधारा 10 तोला, सोंठ 10 तोला – इन सबका चूर्ण बना एकत्र मिला सुरक्षित रख लें।
अजमोदादि चूर्ण सेवन विधि:
3 माशा से 6 माशा तक गर्म जल के साथ सुबह-शाम दें।
नोट: कोई-कोई वैद्य इस चूर्ण में समभाग गुड़ मिला कर 1-1 माशा की गोलियाँ भी बना लेते हैं, तब इन्हें ‘अजमोदादि वटक’ कहते हैं।
अजमोदादि चूर्ण के फायदे: ajmodadi churna benefits in hindi
1. सभी प्रकार के दर्द को नाश करे: अजमोदादि चूर्ण (ajmodadi churna) को मुख्य रूप से सभी प्रकार के दर्द में किया जाता है जैसे- आमवात, गृध्रसी, पीठ, कमर एवं पेट, नसों एवं गठिया के दर्दों में अधिक लाभदायक है।
2. पाचन क्रिया को सुधारे: अजमोदादि चूर्ण (ajmodadi churna) का सेवन पाचन क्रिया को मदद कर सकता है और आपको अच्छा पाचन शक्ति बनाए रखने में मदद कर सकता है।
3. गैस और एसिडिटी को कम करे: यह (ajmodadi churna) चूर्ण गैस और एसिडिटी को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे पाचन सिस्टम को राहत मिल सकती है।
4. आंत्र की सफाई: यह चूर्ण आंत्र की सफाई के लिए भी उपयोगी हो सकता है, जिससे आंत्र की स्वच्छता बनी रह सकती है।
5. कफ और वात दोष को बैलेंस करे: अजमोदादि चूर्ण (ajmodadi churna) का सेवन करने से कफ और वात दोष को बैलेंस में मदद मिल सकती है, जिससे शरीर का तंत्रिका संतुलन बना रह सकता है।
6. मूत्र संक्रमण का उपचार: इस चूर्ण का सेवन मूत्र संक्रमण के उपचार में भी किया जा सकता है, क्योंकि इसमें आंशिक रूप से एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं।
7. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करे: अजमोदादि चूर्ण (ajmodadi churna) का नियमित सेवन किया जाता है, तो यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
अजमोदादि चूर्ण के नुकसान: ajmodadi churna side effects in hindi
1. अधिक सेवन के दुष्प्रभाव: यदि आप इस चूर्ण का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं, तो यह पाचन संक्रिया को प्रभावित कर सकता है और उल्टी, दस्त आदि की समस्याएं हो सकती हैं।
2. गर्भावस्था में सावधानी: गर्भवती महिलाओं को इस चूर्ण का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए, क्योंकि यह उनके और उनके बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। नेचुरल वे क्योर इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।
FAQ
अजमोदादि चूर्ण के क्या-क्या फायदे हैं?
वातरक्त, गठिया, जोड़ों का दर्द, सभी प्रकार के दर्द, कफ दोष आदि में लाभप्रद है।
अजमोदादि चूर्ण में कौन सी जड़ी बूटी डाली जाती है?
अजमोद, वायविडंग, सेंधा नमक, देवदारु, चित्रक मूल की छाल, सोया, पीपल, पीपलामूल, काली मिर्च- प्रत्येक 1-1 तोला, हर्रे 5 तोला, विधारा 10 तोला, सोंठ 10 तोला – इन सबका चूर्ण बना एकत्र मिला सुरक्षित रख लें।
अजमोदादि चूर्ण का सेवन कैसे करें?
3 माशा से 6 माशा तक गर्म जल के साथ सुबह-शाम दें।
अजमोदादि चूर्ण के क्या-क्या नुकसान हैं?
यदि आप इस चूर्ण का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं, तो यह पाचन संक्रिया को प्रभावित कर सकता है और उल्टी, दस्त आदि की समस्याएं हो सकती हैं।