Albuminuria: बच्चों में एल्बुमिन मेह होने का कारण और लक्षण

बच्चों में एल्बुमिन मेह होने का कारण और लक्षण | bachho me albumin hone ka karan aur lakshan

पर्यायवाची: ओजोमेह, लालामेह

रोग परिचय, कारण व लक्षण

मूत्र में एल्बुमिन (Albumin) आना इस रोग का लक्षण है। बच्चे को तेज ज्वर (बुखार) हो जाने के बाद, टान्सिल बढ़ जाने के बाद, नया या पुराना न्यूमोनया में तीव्र हृदय शोध अथवा जीर्ण हृदयापात में मूत्र में ऐल्बुमिन आ सकता है। कभी-कभी बिना रोग के भी 6 वर्ष की आयु से तरुणावस्था तक मूत्र में ऐल्बुमिन आ सकता है।

यह रोग गर्भवती स्त्रियों को तथा पुरुषों को भी हो जाया करता है। इस रोग के नीचे लिखे भेद/प्रकार हैं-

1. आगन्तुक ऐल्बू०(Adventitious) यह दूषित आहार-विहार से उत्पन्न होता है। 

2. चक्रिक ऐल्बू० (Cyclical Albumin)

3. अज्ञात हेतुक ऐल्बू० (Essential Albumin)

4. कूट ऐल्बू०(Falseal Albumin)

5. ज्वर जन्य ऐल्बु० (Febrile Albumin)

6. अधः स्थितिक ऐल्बु० (Hypostatical Albumin)

7. उर्ध्व स्थितिज ऐल्बु० (Orthostatics Albumin) इसे Postural albuminuria भी कहा । जाता है।

8. शरीर क्रियात्मक ऐल्बु० (Physiological Albumin)

9.  परिश्रमोत्तर ऐल्बु० (Postexercise Albumin)

10. वृक्कज ऐल्बु०(Renal Albumin)

11. यथार्थ एल्बु० (True Albumin)

एल्बुमिन मेह से पीड़ित बच्चे या किशोर अथवा तरुण रोगी (Young patient) शीघ्र (जल्द) ही थक जाते हैं। उनके मुख मण्डल पर निराशा, व उदासी दिखाई देती है, ठुड्डी स्तन की ओर झुकी रहती है। स्तन समतल होता है। मेरुदण्ड (Spinal cord) बाहर की ओर निकला हुआ प्रतीत होता है। पेट आगे की ओर निकला दिखाई पड़ता है। भोजन नहीं पचता है, अपच और कब्ज रहता है। बच्चा/रोगी अरक्तता (एनीमिया) से पीड़ित रहता है। हृदय की ध्वनि और स्पन्दन स्पष्ट सुनाई पड़ता है तथा वह सदैव भयातुर सा रहता है।

गर्भवती स्त्री के शरीर में पोषण की विकृति उत्पन्न होने से प्रायः अण्डे की सफेदी जैसा पदार्थ (एल्ब्युमिन) आने लग जाता है। गर्भिणी (गर्भावस्था) के शरीर का रंग फीका पड़ जाता है। हाथों व पैरों और आंखों में सूजन, अफारा, अजीर्ण, वमन, हृदय अधिक धड़कना, कब्ज, या कभी-कभी दस्त, रात्रि में अनेक बार मूत्र त्याग सिर दर्द, मूत्र लाल व कम आना, मूत्र जांच (टेस्ट) करने पर मूत्र में एल्ब्युमिन पाया जाना आदि लक्षण प्रकट होते हैं। गर्भिणी (गर्भावस्था) के मूत्र की जांच 7 वें महीने तक प्रतिमाह 1 बार अवश्य करायें।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। नेचुरल वे क्योर इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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