Frostbite: किसे कहते हैं हिमदाह? जानें हिमदाह होने का कारण और लक्षण

आज के लेख में हम बात करेंगे हिमदाह (Frostbite) किसे कहा जाता है और इसका और लक्षण पूरे विस्तार से। ये एक ऐसी स्थिति जो बहुत कम लोग इस समस्या से परिचित हैं।

पर्यायवाची: शीत क्षति, शीतदंश

हिम दाह रोग का परिचय, कारण व लक्षण

अधिक ठण्ड के कारण त्वचा पर होने वाली सतही क्षति को ‘हिम दाह’ (फ्रोस्ट बाइट) कहा जाता है। जब वायुमण्डल का तापक्रम शून्य डिग्री से भी नीचे चला जाता है तथा ‘शीत लहर’ बढ़ जाती है तो शरीर के खुले भाग में (यथा-हाथ-पैर आदि) चेतनाहीन होकर जमने लगते हैं।

हिम दाह रोग के मुख्य कारण:

• बिना ढंकी हुई त्वचा सर्दी में अधिक समय तक ठण्डे धातु के सम्पर्क में रहने से।

• शून्य से नीचे तापमान में अधिक समय तक रहने पर।

हिम दाह रोग के मुख्य लक्षण:

• प्रभावित भाग ठण्डा और पीड़ा युक्त।

• झुनझुन के साथ चेतना हीनता।

• प्रभावित त्वचा का रंग सफेद (रक्तविहीन)

• हाथ-पैरों में शून्यता, सनसनाहट और जलनात।

• त्वचा पर पानी के फफोले से पड़ जाते हैं।

 • रक्त वाहिनियों की दीवार से पानी सदृश स्राव अधिक निकलने के कारण सूजन हो जाती है।

• ठण्ड के कारण रक्त वाहिनियों के संकुचित होने से प्रभावित क्षेत्र को रक्त पूर्ति बन्द हो जाती है जिससे ‘मैन्ग्रीन’ होने का भय रहता है।

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। नेचुरल वे क्योर इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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