Home remedies for nightfall in hindi | स्वप्न दोष के घरेलू नुस्खे, कारण, लक्षण, योगासन और आहार

इस लेख में आप जानेंगे (Home remedies for nightfall in hindi) स्वप्न दोष के घरेलू नुस्खे, कारण, लक्षण, योगासन और आहार।

पर्यायवाची– नाईटफॉल (Nightfall), नाईटड्रीम, एहतलाम, स्वप्न प्रमेह, स्वप्न दोष (Night Discharge)

स्वप्न दोष रोग क्या है?

जब पुरुषों में निद्रावस्था में ( रात अथवा दिन में ) स्वप्नावस्था में स्वतः वीर्यपात हो जाता है तो ऐसी अवस्था को ‘स्वप्न दोष’ कहा जाता है। हालांकि यह युवक वर्ग में उद्दीप्त यौन प्रवृत्ति व इच्छा की मानसिक और शारीरिक तृप्ति हेतु प्राकृतिक सुविधा ( नारी संसर्ग ) के अभाव में वीर्यपात होने की ( वीर्य के निकल जाने की ) स्वभावित क्रिया है। अस्तु 1 माह में 2-4 बार स्वप्नदोष होना सामान्य / प्राकृत है। 

यह कोई रोग नहीं होता। अतः इसकी चिकित्सा करने की भी कोई आवश्यकता नहीं होती है, किन्तु यदि स्वप्नदोष 1 माह में 8-10 बार अथवा इससे इधिक बार होने लगे तो वह रोग है और उसकी चिकित्सा की आवश्यकता होती है तथा उसकी समुचित चिकित्सा होनी / करानी ही चाहिए। 

इसे लक्षणों के द्वारा सामान्य स्वप्न दोष से अलग करके पहचानना आवश्यक है, क्योंकि यदि विकृतिजन्य स्वप्न दोष को स्वाभाविक स्वप्न दोष समझकर समुचित चिकित्सा न की गई तो रोगी / युवक अनेक अन्य रोगों ( यथा- शीघ्रपतन तथा नपुंसकता / नामर्दी ) आदि से ग्रस्त हो सकता है। 

स्वप्न दोष रोग के मुख्य कारण (Causes of nightfall in hindi)

• वासनामय, गन्दी पुस्तकों, पत्र- पत्रिकाओं आदि का अधिक पठन-पाठन। 

• रात या दिन में वासनामय, गन्दी फिल्मों, नग्न चित्रों (स्त्री पुरुषों की फिल्मों का अधिक देखना जिसमें नायक-नायिका बार-बार प्रेमालाप (लिपटना-चिपटना, वासनामय / सम्भोगरत नग्न चित्रों की एलबम देखना)

• टी० वी० चैनलों पर अधिक उत्तेजनात्मक कार्यक्रमों को देखना।

• गन्दे एवं बुरे विचारों के लागों की संगति। 

• हस्त मैथुन करने की प्रवृत्ति / लत। 

• कम आयु में ही स्त्री प्रसंग / समागम की अधिकता। 

• मादक व उत्तेजनात्मक पदार्थों का सेवन (यथा- शराब, चरस, गांजा आदि का सेवन) 

• दैनिक रचनात्मक कार्यों में ध्यान न लगाकर मात्र कामुक ( सैक्स ) के सम्बन्ध में विचारशील रहना / सोचना।  

• अधिक मिर्च-मसालेदार गर्म प्रकृति भोजन करना। 

• शारीरिक वेग ( मुख्यत: मल-मूत्र के वेग / हाजत ) को अधिक समय तक बलात रोकना । 

• साईकिल या घोड़े आदि की अधिक सवारी करना। 

• अधिक रोमान्टिक वातावरण में रहना। 

• शारीरिक शक्ति की क्षमतानुसार शारीरिक परिश्रम में कमी। 

• नरम / मुलायम ( गुदगुदे ) बिस्तर पर लेटना / शयन करना। 

• कम आयु में ही वेश्या गमन करना। 

• स्वास्थ्य नियमों का पालन न कर गलत / त्रुटिपूर्ण आहार-विहार। 

• निरन्तर अजीर्ण या कब्ज रहना। 

• भय , चिन्ता आदि मानसिक उद्वेग । 

• अश्लील नृत्य देखना, अश्लील / उत्तेजक गीत-संगीत सुनना। 

स्वप्न दोष रोग के मुख्य लक्षण (Synonyms of nightfall in hindi)

• शरीर में सुस्ती / आलस्य बने रहना, किसी भी कार्य को करने में मन न लगना। 

• शारीरिक अंगों-प्रत्यंगों में टूटन जैसी पीड़ा की अनुभूति। 

• जंभाई का अधिक आना। 

• भूख का खुलकर न लगना। 

• अल्प परिश्रम युक्त कार्य करके ही थकावट हो जाना। 

• चेहरे की रौनक / सौन्दर्यता में कमी। 

• स्मरण शक्ति / याददाश्त का कम हो जाना। 

• बात-बात पर शीघ्र की क्रोध / गुस्सा आ जाना। 

• आँखों के नीचे कालेपन घेरे / धब्बे हो जाना।

• तन्द्रा / लेटे रहने / सोते रहने की इच्छा बनी रहना। 

• सिर में भारीपन तथा चक्कर बने रहना। 

• कभी-कभी मूत्र के साथ वीर्य का निकल जाना। 

• अपने को सदैव अस्वस्थ / बीमार समझना। 

• आत्मविश्वास में कमी। 

• हथेलियों तथा पैरों के तलुवों में जलन होना / आग निकलना। 

• मुख और कण्ठ ( गले ) का सूखना। 

• रोग की अधिकता में सम्पूर्ण शरीर क्षीण ( कमजोर ) तथा पीत वर्ण ( पीला सा ) हो जाता है। 

• गाल का पिचक जाते हैं तथा नेत्र भीतर का धँस जाते हैं।

• दृष्टि / निगाह कमजोर हो जाती है।

• सिर के फेश ( हेयर्स ) सफेद होने लगते हैं।

• सिर, कमर व सिर आदि सम्पूर्ण शरीर में दर्द बना रहता है।

• हथेलियों और तलुवों से पसीना अधिक निकलता है।

• हृदय दुर्बल हो जाता है और हृदय की धड़कन बढ़ जाती है।

• स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है।

• मस्तिष्क ( दिमाग ) खाली-खाली सा रहने लगता है।   

• जीवन में निराशा व निरुत्साह समा जाता है।

• स्वप्न दोष की वृत्ति ही अन्त में ध्वजभंग तथा पुरुषत्व हीनता / नामर्दी ( इम्पोटेन्सी ) का कारण भी बन जाती है।

• वीर्य में शुक्राणुओं की कमी से संतानोत्पादन शक्ति भी क्षीण हो जाती है।

• स्त्री प्रसंग / समागम क्रियाओं शीघ्रपतन ( शीघ्र ही वीर्य स्खलित हो जाना आदि की ओर अग्रसरित होते हुए अन्तः नपुंसकता हो जाती है )

स्वप्न दोष में खाने वाले फल (Fruits for nightfall)

• केला

सेब

• अनार

आम

स्वप्न दोष में खाने वाले ड्राई फ्रूट्स (Dry fruits for nightfall)

• काजू

• बादाम

• अखरोट

• चिलगोजा

• किशमिश

स्वप्न दोष में किये जाने वाले योगासन (Yogasana for nightfall)

• कपालभाति क्रिया

• भस्त्रिका प्राणायाम

• वशिष्ठ प्राणायाम

• बद्ध कोणासन

• सुप्त बद्ध कोणासन

• सेतु बंधासन

• उपविष्ट कोणासन

नोट: वशिष्ठ प्राणायाम के बाद जो भी आसन है सब अधिक प्रभावशाली है। योग गुरु या हेल्थ एक्सपर्ट के देख-रेख में करें।

स्वप्न दोष के लिए घरेलू नुस्खे (Home remedies for nightfall in hindi)

• भोजनोपरान्त दिन में 2 बार प्रतिदिन 1 या 2 नग केले की फली खायें या सुबह ही केले की फली में शहद मिलाकर खायें।

• मुलहठी 250 ग्राम बारीक कूट पीसकर व कपड़छान कर रख लें। इसमें से 2 माशा चूर्ण 1 तोला घी या 6 माशा शहद में मिलाकर सबेरे के समय चाटकर ऊपर से 250 मिली० धारोष्णदूध (तुरंत का दूहा गया दूध) पीने से स्वप्न दोष ठीक हो जाता है। 

• प्रतिदिन सुबह – शाम 3 से 5 नग तक गुलाब के ताजा फूल मिश्री के साथ खाकर ऊपर से गाय का दूध पीने से स्वप्न दोष का रोग दूर हो जाता है। 

• 1 तोला बबूल का गोंद प्रतिदिन रात को 125 मिली० पानी में भिगोकर सुबह के समय मल त्याग कर इसमें 2 तोला मिश्री मिलाकर निरन्तर 3 सप्ताह सेवन करने से स्वप्न दोष रोग दूर हो जाता है । 

• चोपचीनी का पिसा छना चूर्ण + मिश्री + घी प्रत्येक 1-1 तोला मिलाकर 8-10 दिन सेवन करने से स्वप्न दोष में बहुत लाभ होता है। 

• शीतल चीनी का पिसा छना चूर्ण 2 माशा की मात्रा में खा कर ऊपर से 1 कप ताजा पानी पीने से स्वप्न दोष नहीं होता है। 

• त्रिफला का चूर्ण शहद में मिलाकर प्रतिदिन सेवन करना भी स्वप्न दोष विकार अत्यन्त उपयोगी है।

• आंवला चूर्ण और पिसी हुई मिश्री प्रत्येक 6-6 माशा मिलाकर निरन्तर 60 दिन सेवन करने से प्रमेह रोग तथा स्वप्न दोष रोग ठीक हो जाते हैं। 

• बबूल के नरम – नरम पत्ते 6 माशा से 1 तोला तक खाकर ऊपर से ठण्डा पानी पीने से स्वप्न दोष तथा प्रमेह रोग ठीक हो जाते हैं। 

• त्रिफला का काढ़ा या जौ का काढ़ा रात को बना रखें तथा सुबह के समय सेवन करें। इस प्रयोग से स्वप्न दोष जाता रहता है। 

• गिलोय स्वरस 1 तोला में समान भाग शहद मिलाकर दिन में 2 बार ( सुबह शाम ) सेवन करें। इस प्रयोग स्वप्न प्रमेह ठीक हो जाता है। 

• असगन्ध का चूर्ण 5 ग्राम को 50 मिली० दूध के साथ सेवन करने से स्वप्न दोष मिट जाता है। 

• सोते समय 4 ग्रेन (दाना) कपूर मिश्री मिलाकर कुछ दिन तक सेवन करने से स्वप्न दोष में लाभ होता है। 

• 2 माशा हल्दी गरम दूध के साथ प्रतिदिन सेवन करने से स्वप्न दोष मिट जाता है। ये प्रयोग जाड़े में करना चाहिए।

• ईसबगोल की भूसी और मिश्री 3-3 माशा कई दिन तक रात में सोते समय सेवन करने से स्वप्न दोष रोग ठीक हो जाता है। 

• 10 ग्राम बिनौलों (कपास का बीज) की गिरी को 250 मिली० दूध में खीर की तर पकाकर सुबह शाम सेवन करने से स्वप्न दोष रोग दूर हो जाता है।

नोट: सभी घरेलू नुस्खे एक साथ प्रयोग नहीं करें किसी एक को ही करें। फायदा नहीं होने पर कोई दूसरे नुस्खे को आजमाएं।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। नेचुरल वे क्योर इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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