Kanchnar guggul uses in hindi | कांचनार गुग्गुल के फायदे और नुकसान, परिचय, सामग्री, बनाने की विधि, सेवन विधि

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परिचय:

कांचनार गुग्गुल (kanchnar guggul) एक प्राकृतिक आयुर्वेदिक औषधि है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में प्रयुक्त होती है। यह आयुर्वेद में “कफ-वात-पित्त” बैलेंस को सुधारने के लिए जानी जाती है और विभिन्न शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद करती है। यहाँ इसके फायदे और नुकसान की एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया है:

kanchnar guggul ingredients

कांचनार गुग्गुल बनाने के लिए सामग्री: kanchnar guggul ingredients

कचनार की छाल 40 तोला, त्रिफला 24 तोला, त्रिकुटा 12 तोला, वरुण की छाल 4 तोला, इलायची, दालचीनी, तेजपात – प्रत्येक 1-1 तोला – सबको कूट कपड़छन चूर्ण बनावें । सब चूर्ण के बराबर शुद्ध गुग्गुलु मिला कर, कूट कर, घी या एरण्ड तैल के सहारे 3-3 रत्ती की गोलियाँ बना, छाया में सुखा कर रख लें। 

कांचनार गुग्गुल सेवन विधि:

2-4 गोली सुबह-शाम कचनार की छाल, वरना (वरुण) की छाल, गोरखमुण्डी और खैरसार की छाल या लकड़ी के बुरादे का क्वाथ बनाकर इसके साथ दें। यदि विशेष लाभ नहीं हो तो इसके साथ सुवर्ण भस्म अष्टमांश रत्ती और प्रवाल पंचामृत 3 रत्ती मिलाकर दें। 

नोट: गुग्गुलु, गन्धक और रसौत तीनों समभाग लेकर जल में पीस करके गण्डमाला पर लेप करने से भी बहुत लाभ होता है।

kanchnar guggul ke fayde

कांचनार गुग्गुल के फायदे: kanchnar guggul ke fayde

1. थायरॉयड स्वास्थ्य: कांचनार गुग्गुल (kanchnar guggul) थायरॉयड के विभिन्न रोगों के इलाज में मदद कर सकती है, जैसे कि ग्रेव्स रोग और हाइपोथायराइडिज्म।

2. बैलेंसिंग वट पित्त कफ: यह आयुर्वेदिक औषधि वात, पित्त और कफ को बैलेंस करने में मदद करती है, जो स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।

3. जोड़ों की स्वास्थ्य: कांचनार गुग्गुल (kanchnar guggul) जोड़ों की स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकती है और जोड़ों के दर्द को कम करने में सहायक हो सकती है।

4. संक्रमण निवारण: इसके एंटीबैक्टीरियल गुण संक्रमणों के खिलाफ लड़ने में मदद कर सकते हैं, विशेषकर गले के संक्रमणों में।

5. शोधन प्रक्रिया: यह शरीर की अंतःशुद्धि प्रक्रियाओं को स्थापित करने में मदद करता है और विषैले पदार्थों की बाहर निकालने में सहायक हो सकता है।

kanchnar guggul ke nuksan

कांचनार गुग्गुल के नुकसान: kanchnar guggul ke nuksan

1. गर्भावस्था और स्तनपान: गर्भावस्था के दौरान और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कांचनार गुग्गुल (kanchnar guggul) का इस्तेमाल विशेषज्ञ की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए।

2. गर्भाशय संक्रमण: यह गर्भाशय संक्रमणों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है, क्योंकि यह गर्भाशय की स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।

3. एलर्जी: कुछ लोगों को कांचनार गुग्गुल (kanchnar guggul) से त्वचा एलर्जी या रेशा हो सकती है।

4. आपकी विशिष्ट स्थिति के बिना सलाह के इस्तेमाल: कांचनार गुग्गुल (kanchnar guggul) का सेवन करने से पहले, विशिष्ट स्वास्थ्य स्थितियों और दवाओं के साथ इसका संयोजन करने के लिए चिकित्सक से सलाह लेना अति आवश्यक होता है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। नेचुरल वे क्योर इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

FAQ

कांचनार गुग्गुल किसे कहते हैं?

कांचनार गुग्गुल (kanchnar guggul) एक प्राकृतिक आयुर्वेदिक औषधि है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में प्रयुक्त होती है। यह आयुर्वेद में “कफ-वात-पित्त” बैलेंस को सुधारने के लिए जानी जाती है और विभिन्न शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद करती है। यहाँ इसके फायदे और नुकसान की एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया है:

कांचनार गुग्गुल बनाने की विधि क्या है?

कचनार की छाल 40 तोला, त्रिफला 24 तोला, त्रिकुटा 12 तोला, वरुण की छाल 4 तोला, इलायची, दालचीनी, तेजपात – प्रत्येक 1-1 तोला – सबको कूट कपड़छन चूर्ण बनावें । सब चूर्ण के बराबर शुद्ध गुग्गुलु मिला कर, कूट कर, घी या एरण्ड तैल के सहारे 3-3 रत्ती की गोलियाँ बना, छाया में सुखा कर रख लें। 

कांचनार गुग्गुल को लेने का तरीका क्या है?

2-4 गोली सुबह-शाम कचनार की छाल, वरना (वरुण) की छाल, गोरखमुण्डी और खैरसार की छाल या लकड़ी के बुरादे का क्वाथ बनाकर इसके साथ दें। यदि विशेष लाभ नहीं हो तो इसके साथ सुवर्ण भस्म अष्टमांश रत्ती और प्रवाल पंचामृत 3 रत्ती मिलाकर दें। 

कांचनार गुग्गुल को लेने से क्या क्या फायदे होते हैं?

थाइरोइड की समस्या में, गांठ की समस्या में, वात, पित्त और कफ को बैलेंस करने में, जोड़ों की समस्या में लाभदायक है।

कांचनार गुग्गुल को लेने से क्या क्या नुकसान होते हैं?

गर्भावस्था, स्तनपान कराने वाली महिला, एलर्जी की समस्या हो सकती है।

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