Hypothermia: किसे कहते हैं हाइपोथर्मिया, इसके कारण और लक्षण

इस लेख में जानेंगे (Hypothermia kya hai karan aur lakshan) अल्पताप (Hypothermia) किसे कहते हैं और इसका कारण व लक्षण।

रोग परिचय, कारण व लक्षण

एकाएक ठण्ड लग जाने से शरीर का तापक्रम (टेम्प्रेचर) यदि 35 डिग्री सेण्टीग्रेड से भी कम हो जाये तो इस अवस्था को ‘हाईपोथर्मिया’ कहा जाता है।

हाईपोथर्मिया रोग के मुख्य कारण:

• बाहर मौसम अत्याधिक ठण्डा होने पर।

• अधिक सुरापान कर लेने से।

• अधिक देर तक ठण्डे पानी में रहने से या काम करने से।

• तेज ज्वर (बुखार) को कम करने के लिए औषधियों के प्रयोग से। 

• कृत्रिम रूप से उत्पन्न रक्तदाब को कम करने पर।

• कुछ रोग (यथा-पिट्यूट्री, थायराइड कमी, हृदयपेशीय रोधगलन (Myocardial Infarction)

• शल्य चिकित्सा में आक्सीजन की आवश्यकता को कम करने से उत्पन्न कम तापमान।

हाईपोथर्मिया रोग के प्रमुख लक्षण नीचे दिए गए हैं:

• रोगी को कंपकंपी के साथ सर्दी लगती है।

• रक्तचाप सामान्य रहता है।

• थकान और मांसपेशियों में संकुचन।

• देखने में परेशानी तथा आवाज में तोतलापन आ जाना।

• रोगी बेहोश होने लगता है।

• आंखों की पुतलियां फैल जाती हैं।

• 35 डिग्री सैल्सियस से नीचे तापमान पर मस्तिष्क की सम्पूर्ण गतिविधियां बन्द हो जाती हैं।

• यदि तापमान काफी कम हो तो रोगी का व्यवहार अनियन्त्रित/बेकाबू हो जाता है। मस्तिष्क में विचार एकत्रित होने लगते हैं तथा वह साफ-साफ नहीं समझ पाता है।

• श्वसन और नाड़ी की गति कम हो जाती है। 

• रोगी बेहोश होकर संज्ञाहीनता की स्थिति (कोमा Coma) में चला जाता है। 

• प्रतिवर्ती क्रिया (Reflex) कमजोर पड़ जाती है तथा सम्पूर्ण शरीर अकड़ जाता है।

• गर्दन और भुजा मुड़ती नही है।

• श्वासावरोध तथा वेण्ट्रीकुलर फिब्रीलेशन से रोगी की मृत्यु हो जाती है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। नेचुरल वे क्योर इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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