High blood pressure ke liye gharelu nuskhe in Hindi | उच्च रक्तचाप के लिए प्राकृतिक उपचार

इस आर्टिकल में जानेंगे कि उच्च रक्तचाप परिचय है और इसके घरेलू उपाय (High blood pressure ke liye gharelu nuskhe in Hindi) जो कि नीचे बताया गया है।

पर्यायवाची– हाई ब्लड प्रेशर, ब्लड प्रेशर बढ़ा होना, ज्यादा रक्तचाप, उच्च रक्तचाप, रक्तचाप वृद्धि, अति रक्तदाव, उच्च रक्तदाव।

रोग परिचय

ऐसी स्थिति जिसमें धमनी की दीवारों के विरुद्ध रक्त का बल बहुत अधिक होता है।

आमतौर पर उच्च रक्तचाप को मापने पर 140/90 से अधिक रीडिंग आता हो तो रक्तचाप के रूप में परिभाषित किया जाता है और यदि दबाव 180/120 से ऊपर है तो इसे गंभीर माना जाता है।

हाई ब्लड प्रेशर का घरेलू उपाय

• रोगी को विरेचन / जुलाब देने के बाद रक्त की बढ़ी हुई उत्तेजना तथा अधिक दबाव को कम करने के लिए पिसी हुई सर्पगन्धा 3 रत्ती (360 मिग्रा०) दिन में 3 बार अर्क गुलाब या ताजा पानी से दें।

• तरबूज के बीजों की गिरी (मग्ज) रोगी को प्रतिदिन खिलाते रहने से 80 % रोगियों का ब्लड प्रेशर कम हो जाता है तथा रक्तवाहिनियों में कठोरता तथा उनकी रचना में खराबी आना रुक जाती है। कोलेस्ट्रॉल पिघलकर पतला होकर निकलने लग जाता है।

• रोगी की धमनियाँ कठोर जो जाने तथा रक्त के दबाव की अधिकता के कारण रात में नींद न आने की स्थिति में तरबूज के बीजों की गिरी और सफेद खशखश समान मात्रा में पीसकर सुरक्षित रख लें। इसको 3 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 बार (सुबह-शाम) सेवन करने से रक्त का दबाव कम होता है, नींद भी आती है और सिरदर्द में लाभ होता है ।

सहजन वृक्ष के पत्ते 30 ग्राम 4 गुना पानी में उबालें। जब आधा पानी शेष रहे तब थोड़ी चीनी मिलाकर प्रतिदिन निरन्तर 16 दिनों तक इस प्रयोग को करने से मामूली हाई ब्लडप्रैशर में लाभ हो जाता है।

• हाई ब्लडप्रेशर के रोगियों को 1½ माशा से 1 तोला तक लहसुन छाल छीलकर धीरे-धीरे खाने की आदत डालें। रोगी दिन में कई बार लहसुन खाता रहे अथवा लहसुन पानी में उबालकर व छानकर रख लें। इस पानी को दिन में कई बार पीते रहें। इन प्रयोगों से भी धमनियों के भीतर जमी चर्बी निकलने लग जाती है तथा उनमें लचक आ जाती है।

जिससे हृदय का बोझ, दबाव तथा जोर लगाकर रक्त प्रविष्ट करने की क्रिया कम हो जाती है जिसके फलस्वरूप ब्लडप्रैशर नार्मल हो जाता है। कुछ विद्वान वैद्य 5-6 दिन लहसुन का रस रोगी को बड़ी मात्रा में पिलाते हैं, तदुपरान्त रोग कम हो जाने तक उसकी मात्रा क्रमशः कम करते चले जाते हैं। रोगी के कष्ट तीसरे चौथे दिन से ही घटना आरम्भ हो जाते हैं।

• उच्च रक्तचाप में पूरे हरे (पत्तियों सहित) लहसुन का रस पानी में मिलाकर सेवन करते रहने से हाई ब्लडप्रेशर में लाभ होता है।

• प्याज का रस मधु में मिलाकर सेवन करना भी लाभप्रद है। इसके सेवन से धमनियाँ लचीली हो जाती हैं क्योंकि उनमें जमा हुआ कोलेस्ट्रोल निकल जाता है।

• अर्जुन वृक्ष की छाल को कूटपीसकर कपड़छान कर के चूर्ण बना लें अब इस चूर्ण को 120 मिग्रा० की मात्रा में दिन में 3-4 बार ताजा पानी या दूध के साथ सेवन करने से अथवा यूं ही जीभ पर रखकर खा जाने से अत्यन्त लाभकारी है। ये नुस्खा कारगर है।

• विटामिन सी मनुष्य की धमनियों को ताकतवर बनाने के लिए अति उत्तम है। इसलिए हाई ब्लडप्रेशर के रोगी को नींबू, सन्तरा, माल्टा, चकोत्तरा का रस, आंवला आदि का सेवन करना चाहिए।

• रोगी को फलों के रस पर रहकर उपवास करना हितकर है।

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। नेचुरल वे क्योर इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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