पायरिया का कारण, लक्षण, नुस्खे और बचाव | Pyorrhea karan, lakshan, nuskhe aur bachav

पर्यायवाची– शीताद, दन्ताना, परिंदर, पीव का प्रस्राव, दांतों की कोटरी में पीव, मसूढ़ों से पीव बहना।

रोग परिचय , कारण लक्षण

पायरिया रोग मुख/दांतों का सर्वाधिक हानिकारक रोग है। यदि इसकी शीघ्र ही समुचित चिकित्सा न कराई जाये तो सम्पूर्ण पाचन क्रिया की विकृति के साथ ही रोगी अनेकानेक रोगों का शिकार हो जाता है तथा प्रायः उसका सम्पूर्ण स्वास्थ्य खराब हो जाता है। यह रोग अत्यन्त ही मन्द गति से बढ़कर वर्षों में पूर्ण विकसित रूप ले लेता है। रोग के प्रारम्भ में तो रोगी को पता ही नहीं लगता है कि उसके मसूढ़ों में पायरिया के जीवाणु प्रविष्ट हो गये हैं।

इस रोग से एक ओर तो रोगी के मसूढ़े कमजोर हो जाते हैं तथा दूसरी ओर दांत/दाढ़ भी पूर्णरूपेण जर्जर हो जाते हैं। पायरिया होने पर रोगी कभी किसी एक दांत में दर्द होता है तो कभी किसी दाढ़ में दर्द होने लगता है। रोगी के कभी मसूढ़े दर्द करने लगते हैं तो कभी सम्पूर्ण जबड़ा ही दर्द करने लग जाता है। उसके जबड़ों/मसूढ़ों से कभी रक्त बहने लगता और कभी मवाद आने लगता है।

रोग के मुख्य कारण

• इस रोग का सर्व मुख्य कारण (viridans streptococci) बैक्टीरिया है।

अन्य/सहायक कारण

• मुख में स्वच्छता का अभाव, दांतों/मसूढ़ों की सफाई न करना।

• मसूढ़ों की शोथ (जिंजीवाइटिस रोग) 

• कब्ज रहना।

• पेट में वायु (गैस) उत्पन्न होना।

• कृमि दन्त (दांतों में कीड़े लगना)।

• मीठे पदार्थों का अधिक सेवन।

• रात को खा-पीकर भली प्रकार मुख गुहा को साफ न करना।

• गर्म खाद्य/पेय सेवन कर तुरन्त ठण्डे पानी से कुल्ला करना।

• बर्फ चबाना, अत्यधिक ठण्डा पेय या फ्रिज का पानी पीना।

• अत्यधिक गर्म चाय/काफी पीना।

• दांतों में भली प्रकार मंजन करना/दांतों का मैला हो जाना।

• मधुमेह, यक्ष्मा (T.B), पाण्डु रोगों से शरीर का अत्याधिक दुर्बल हो जाना।

रोग के मुख्य लक्षण 

• मसूढ़ों में शोथ (सूज जाना/फूल जाना), मसूढ़ों को दबाने से पीव/मवाद (Pus) निकलना तथा रक्तस्राव (ब्लीडिंग) होना।

• भोजन भली प्रकार चबाने में कष्ट, जिसके फलस्वरूप अजीर्ण (एनोरेक्सिया) रोग होना।

• मुख से दुर्गन्ध आना।

• पेट में गुड़गुड़ाहट।

• आमाशय और पक्वाशय में शोथ तथा व्रण (अल्सर) होना।

• हाथ-पैरों की सन्धियों/जोड़ों में दर्द व शोथ (सूजन)।

• दांतों को दातून/ब्रुश करने पर मसूढ़ों से रक्तस्राव होने लगना और कभी-कभी मवाद भी निकलना।

• अन्तत: मसूढ़ों में सिकुड़न होकर दांतों का नंगा हो जाना, दर्द करना और अन्ततः दांतों का टूट-टूट कर गिरने लगना।

• रोग की अधिक उग्रावस्था (रोग की आखिरी अवस्था) में अधिक पूय (मवाद) के उदर में पहुँचने से अनेकों उपद्रव होते हैं। पूय की आमाशय में प्रविष्टी अनेकों रोग उत्पन्न करने वाली होती है। रोगी को आमाशय के रोग, ज्वर, नेत्ररोग, अग्निमान्द्य तथा सन्धिशूल आदि रोग भी हो सकते हैं। अन्त में रोगी के मुख में शोथ हो जाता है तथा रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।

ध्यान देने योग्य बातेंसभी नुस्खे को एकसाथ प्रयोग न करें। अगर कोई एक नुस्खा प्रयोग करने के बाद फायदा नहीं हो रहा हो तो दूसरा नुस्खा प्रयोग करें।

पायरिया रोग का परीक्षण

डेंटिस्ट सामान्य रूप से मरीज के लक्षणों व संकेतों को देखकर और शारीरिक परीक्षण की मदद से पीरियोडोनाइटिस की जांच कर सकते हैं।

परीक्षण के दौरान डॉक्टर एक दांत के उपकरण (पेरियोडोंटल प्रोब) को दांत के अंदर से मसूड़ों की लाइन में डालते हैं। अगर दांत स्वस्थ हैं तो प्रोब मसूड़ों की लाइन में अधिक स्लाइड नहीं हो पाता। पेरियोडोनाइटिस के मामलों में प्रोब मसूड़ों की गहराई तक चला जाता है। डेंटिस्ट यह मापते हैं कि प्रोब कितनी गहराई तक जा रही है।

जबड़े की हड्डियों और दांतो की जाँच करने के लिए एक्स-रे किया जाता है। एक्स-रे हड्डियों का घटा हुआ स्तर दिखाता है और मसूड़ों  के अंदर प्लेक का स्तर भी दिखाता है।

पायरिया क्या दूसरे लोगों में फैलता है?

पायरिया दूसरे लोगों में नहीं फैलता है क्योंकि यह non-communicable disease है।

पायरिया रोग किस विटामिन की कमी से होता है?

पायरिया रोग विटामिन डी, सी और कैल्सियम की कमी से होता है।

पायरिया के लिए योगासन

•अनुलोमविलोम प्राणायाम

• कपालभाति प्राणायाम

• सर्वांगासन

पायरिया रोग के लिए एक्यूप्रेशर प्वाइट्स

चारों अंगूलियों जहां से नाखून शुरू होता है वहां पर दबाएं। इससे लाभ मिलेगा। इसी तरह पैरों में भी कर सकते हैं।

पायरिया रोग में कौनसा फल खायें?

अंगूर

• नींबू

संतरा

• पुदीना

पायरिया के लिए घरेलू नुस्खे

•नीम की कोमल पत्ती और छाल को छाया में सुखाकर चूर्ण बना लें इस बने चूर्ण को मंजन की भांति दांतों पर मलें पायरिया में अधिक लाभ होता है।

• मौलसिरी की छाल चबाने से हिलते हुए दांत जम जाते हैं।

•  फूल प्रियंगु, नागर मोथा और त्रिफला इन सब को पानी में पीसकर लेप करने से पायरिया रोग नष्ट हो जाता है।

• शहद या सरसों का तेल अथवा कांजी के गरारे करने से मसूड़ों के समस्त रोग दूर हो जाते हैं।

• फिटकरी और माजूफल को औंटकर कुल्ला करने से दांतों का मैल अथवा मवाद आना बंद हो जाता है।

• काले चने को भिगोकर उबाल लें इनके गर्म पानी से कुल्ला करने से मसूड़ों की सूजन उतर जाती है।

• अकर्करा और कपूर दोनों को समान मात्रा में लेकर पीस लें। इस चूर्ण को दांतों पर मलने से प्रत्येक प्रकार की पीड़ा में आराम हो जाता है। जब तक आराम ना हो तब तक घंटा दो घंटा के अंतराल पर इसे मल कर मुख नीचा कर दें ताकि पानी निकल जाए।

पायरिया में कौनसा दातून करें?

• नीम की दातून

• अमरूद की दातून

• बबूल की दातून

घरेलू नुस्खे के फायदे

घरेलू नुस्खे सबसे सुरक्षित और सबसे सस्ते होते हैं। इस नुस्खे की सबसे अच्छी बात यह है कि सारे सामग्री घर पर ही उपलब्ध होते हैं। बहुत ऐसे केस में बिना डॉक्टर के पास जाए भी समस्या घर पर ही ठीक हो जाती है।

यदि घरेलू नुस्खे से फायदा नहीं हो तो नीचे दिए गए लिंक से बेहतरीन पायरिया का मंजन खरीद कर इस्तेमाल करें बहुत ज्यादा लाभ होगा।

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पायरिया रोग में परहेज

• रोगी को मूंग/मसूर की दाल में गेहूँ की रोटी तोड़कर पतला कर (तरल बनाकर) पिलायें।

• पायरिया को उपचारार्थ सर्वप्रथम दांतों की पपड़ी को साफ करना चाहिए जिसके कारण मसूढ़ों को जख्मी किया गया है। पीव/मवाद की थैलियों को भरने से रोकने के लिए मुख को रोगाणुनाशक क्वाथ (नीम की ताजा पत्तियों से बनाये गये क्वाथ) से भली प्रकार गरारे करें।

इसके अतिरिक्त दन्त चिकित्सक से मसूड़ों को साफ भी कराया जा सकता है अथवा अत्यावश्यक होने पर कुछ दांतों को भी निकलवाया जा सकता है। रोगी को प्रतिदिन सावधानी के साथ दांतों को (ब्रुश/अंगुली से) और मसूड़ों की मालिश (Massage of the Gums) भी करना चाहिए।

रोगी को प्रतिदिन विटामिन युक्त आहार (यथा- अण्डे, मांस, फलियाँ, गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियाँ तथा नींबू, सन्तरा, टमाटर आदि) खाने का परामर्श दें। रोगी को मीठा तथा ऐसी चिकनी चिपकने वाली खाद्य/पेय वस्तुओं का सेवन न करने का परामर्श दें जो दांतों पर अधिक चिपक जाती है। ठोस भोजन से परहेज करायें, आचार, खाण्ड, वासी भोजन के अतिरिक्त रोगी को ऐसे भोजन लेने से भी निषेध कर दें जिनके खाने से दांतों पर जोर लगाना पड़े।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। नेचुरल वे क्योर इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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