खांसी क्या है? | What is cough?
श्वसन तंत्र के रोगों में यह सबसे अधिक पाया जाने वाला लक्षण है| खांसी (Khansi)- श्वसन संस्थान में उत्तेजना होने पर अथवा उसमें कोई रोग होने से होती है। स्मरण रहे कि खांसी (Khansi) स्वयं में कोई रोग नही है, बल्कि होने वाले रोग का लक्षण है। फुफ्फुस (Lungs) के रोगों का यह सर्व प्रमुख लक्षण है।
श्वास मार्ग में या फुफ्फुसों में स्थित किसी बाहरी पदार्थ (Foreign Body), श्वास अवरोधक पदार्थ या क्षोभक पदार्थ के बाहर फेकने का यह प्रयास है अस्तु कास/खांसी एक लक्षण है एवं दूसरी ओर यह स्वतंत्र रोग भी है, क्यूंकि दोनों प्रकार की अवस्थायें उत्पन्न होती हैं। अनेक रोगों में खांसी (Khansi) एक लक्ष्ण अथवा उपद्रव के रूप में मिलती है तथा जहाँ यह व्याधि/रोग के स्वरूप में होगी वहां इसके लक्षण अवस्था और दोषानुसार रूप आदि भी रहेगा और तदनुरुप उसका निदान और चिकित्सा अभिप्रेत होगी।
खांसी के प्रकार | Types of cough in hindi:
सामान्य व्यवहार में—खांसी (Khansi) निचे लिखे दो प्रकार में मिलती है—
- सूखी खांसी (ड्राई कफ Dry cough)
- तर खांसी/बलगम वाली खांसी (गीली खांसी से भी जाना जाता है)
- सूखी खांसी— इसमें कफ/बलगम नहीं निकलता है बार-बार थोड़े समय के लिए खांसी आती रहती है। छाती, गले तथा सिर में रोगों का दर्द रहता है, जैसे– ड्राई प्लूरिसी (Dry Pleurisy) में।
- तर खांसी/बलगम वाली खांसी— इसमें रोगी को खांसी (Khansi) आने पर साथ में बलगम निकलता है, जैसेकि—ब्रोंकाइटिस में रोगी के छाती में दर्द नहीं होता है, किन्तु सिर भरी रहता है बलगम निकलने से रोगी को आराम मिलता है।
खांसी के प्रमुख लक्षण | Khansi ke pramukh lakshan:
- सूखी खांसी— इस प्रकार की खांसी (Khansi) में कफ का प्रेषक न होना, बार-बार सूखी खांसी होना, छाती में दर्द, सिर, शंख, उदर एवं पार्श्व में शूल, उरोदाह अथवा वक्ष में घुटन, ज्वर, मुख शुष्कता, प्यास की अधिकता, मुख में कड़वापन, स्वरभेद इत्यादि लक्षण होते हैं।
- तर खांसी/बलगम वाली खांसी— इस प्रकार की खांसी (Khansi) में बार-बार खांसी आना, बहुत सा गाढ़ा कफ निकलना, दिनभर आलस्य शिर शूल, भूख नष्ट एवं शरीर में गुरुता/भारीपन आदि लक्षण होते हैं।
खांसी होने का कारण | Cough hone ka kaaran:
मस्तिष्क/दिमाग के लिए जिस तरह छींक है, उसी प्रकार फेफड़ों के लिए खांसी (Khansi) है। दिमाग छींक से अपनी तकलीफ दूर करता है और फेफड़े खांसी से अपने कष्ट को दूर करता है और उससे सम्बन्ध रखने वाले श्वास तंत्रों में जब कोई खराबी होती है, प्रायः खांसी (Khansi) तभी होती है। ‘हारीत संहिता’ में लिखा है कि — जब कंठ में रहने वाली ‘उदानवायु’ ऊपर की ओर विपरीत हो जाती है और कफ के साथ ‘प्राणवायु’ का मेल हो जाता है तब ह्रदय में जमा हुआ कफ कंठ में आ जाता है, इसी से खांसी आती है।
खांसी से होने वाले नुकसान | Khansi se hone wale nuksaan:
खांसी (Khansi) को कभी भी हल्के में न लेना चाहिए अक्सर देखा गया है कि खांसी (Khansi) के कारण इंसान के फेफड़ों, सांस नली या गले में संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। गले में खरास भी हो जाता है। माना जाता है कि 20 दिनों से अधिक खांसी रहने पर किसी अन्य बीमारी के संकेत देने लगते हैं जैसेकि टी.बी।
खांसी के लिए घरेलु उपाय | Khansi ke liye gharelu upay:
सामग्री:- दाख 1 तोला, मिश्री 1 तोला, शहद 1 तोला।
सेवन विधि:- प्रत्येक सामग्री को मिलाकर अवलेह बनाकर सेवन करने से पित्तज खांसी (गीली खांसी) में फायदा होता है।
सामग्री:- बड़ी (सुर्ख) इलायची, प्रयोगानुसार शहद।
सेवन विधि:- बड़ी (सुर्ख) इलायची को आग में भूनकर शहद में मिलाकर सेवन करने से पित्त की खांसी (गीली खांसी) में लाभदायक है।
सामग्री:- प्रयोगानुसार मुलहठी, काली मिर्च, मिश्री प्रत्येक को समान मात्रा में लेना है।
सेवन विधि:- प्रत्येक सामग्री को पीस लें 3-3 माशा की मात्रा में दिन में 4-5 बार सेवन कराने से गीली खांसी में फायदा होता है।
सामग्री:- अदरक 2 तोला, शहद 6 माशा।
सेवन विधि:- इन दोनों को मिलाकर दिन में दो बार (सुबह-शाम) सेवन करने से कफ की खांसी, सर्दी-जुकाम और कफ का नाश हो जाता है।
सामग्री:- पीपर 2 माशा, आवश्यकतानुसार शहद,
सेवन विधि:- पीपर का चूर्ण 2 माशा की मात्र में लेकर शहद में मिलाकर सेवन करने से कफ की खांसी नष्ट हो जाती है।
सामग्री:- अदरक का रस 6 माशा, काला नमक आवश्यकतानुसार।
सेवन विधि:- 6 तोला अदरक के रस में जरा सा काला नमक मिलाकर सेवन करने से कफ की खांसी नष्ट हो जाती है।
सामग्री:- 10 ग्राम अदरक, 1 गिलास दूध।
सेवन विधि:- रोज रात को 10 ग्राम अदरक को कूटकर 1 गिलास दूध में उबालें जब अदरक का रस दूध में आ जाये फिर दूध को छानकर धीरे-धीरे पीना इस नुस्खे को 5-7 दिनों तक प्रयोग करें छाती पर जमे हुए कफ को निकाल देगा।
सामग्री:- 1 चम्मच जीरा, 1 चम्मच कद्दूकस अदरक, तुलसी के 10-15 पत्ते लेना, 2 गिलास पानी।
सेवन विधि:- सभी सामग्री को एक बर्तन में रखकर अच्छे से उबालें जब दो गिलास पानी एक गिलास रह जाये तब इसको छानकर इसमें थोरा शहद मिलाकर घूंट-घूंट कर पियें। दिन में दो से तीन बार पियें इस काढ़ा को 5-7 दिनों तक पीना है। ये आयुर्वेदिक काढ़ा पिने से कफ़, खांसी, सर्दी, जुकाम से राहत दिलाता है।
सामग्री:- 1 चम्मच सुद्ध हल्दी पाउडर, नींबू का छोटा टुकरा, 1 गिलास पानी।
सेवन विधि:- एक गिलास पानी में एक चम्मच हल्दी पाउडर डालकर अच्छे से उबालें 5-7 मिनट तक जब पानी उबल जाये तब उसको छानकर उस पानी में 10 बूँद नींबू का रस डालकर चम्मच से घोल लें इस पानी को धीरे-धीरे चाय की तरह पियें। इस हल्दी पानी को पिने से सभी तरह के गले का इन्फेक्शन, कफ़, खांसी (Khansi), जुकाम, सर्दी में जादुई लाभ मिलता है। दिन में दो बार सेवन किया जा सकता है।
सावधानियां:- ध्यान रहे की हल्दी गर्म प्रकृति का होता है जिसको सिने में जलन और एसिडिटी की समस्या हो तो वो प्रयोग न करें। जिसे आंतरिक रक्तस्त्राव (Internal Bleeding) हो रहा हो वो भी इस नुस्खे का सेवन न करें।
खांसी के लिए हर्बल टी | Herbal tea for cough:
सामान्य चाय की जगह हर्बल टी अधिक प्रभावकारी है यदि आप सर्दी-जुकाम में इस चाय क प्रयोग करते हैं तो और उपर दिए गए नुस्खों मेसे किसी एक नुस्खे को जारी रखते हैं तो कम समय में अधिक लाभ मिल सकता है—
हर्बल चाय के लिए सामग्री:- 5-7 तुलसी का तत्ता, 2 लौंग, 4 काली मिर्च, 1 इंच अदरक, गुड़, 2 ग्राम हल्दी पाउडर, 10 बूँद नींबू का रस, 1 कप पानी। ध्यान रहे कि नींबू का रस चाय तैयार होने के बाद डालें।
आयुर्वेदिक घरेलु नुस्खे के फायदे | Ayurvedic gharelu nuskhe ke fayde:
हर व्यक्ति चाहता है कि कम खर्च में और बिना दुष्प्रभाव के इलाज हो तो उससे बेहतर विकल्प नहीं है। मैं बात कर रहा हूँ आयुर्वेदिक घरेलु नुस्खे की जोकि बिना दुष्प्रभाव के अपने हर समस्या का निदान खुद कर सकते हैं। इस नुस्खे की खास बात यह है कि बिना डॉक्टर के भी इस नुस्खे का सेवन कर सकते हैं। पहले के लोग इस नुस्खे का सेवन कर के ही स्वस्थ रहते थे लेकिन जब से आधुनिक एलोपैथिक दवा आई सब को जल्दी फायदा चाहिए हालांकि आयुर्वेदिक घरेलु नुस्खे धीरे-धीरे इनका असर होता है।
खांसी के लिए योगासन | Yogasana for cough in hindi:
- अनुलोम-विलोम प्राणायाम
- कपालभाति प्राणायाम
- भस्त्रिका प्राणायाम
- वशिष्ठ प्राणायाम
ये चारो प्राणायाम आपकी (Lungs capacity) को बढ़ा कर श्वसन तंत्र को मजबूत बनाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है।
खांसी के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट | Acupressure point for cough:
- LU 7
- LU 5
- LU 10
खांसी से बचाव | Khansi se bachav:
मौसम में बदलाव होते ही सामान्य सर्दी-जुकाम होना सामान्य बात है लेकिन इससे बचना भी चुनौती है यदि आपको इस तरह की समस्या है तो बताये गए प्राणायाम और घरेलु नुस्खे का प्रयोग करके इस समस्या से बच सकते हैं। ठंडे पानी का सेवन न करें। ठंडे प्रकृति वाले चीज खाने से बचें।
खांसी के लिए संतुलित आहार | Balanced diet for cough in hindi:
अपने आहार में हरे पत्तेदार सब्जी, अंगूर, प्याज, बादाम, हल्दी, गुड़, अदरक, सेब, आम, संतरा आदि को शामिल करें।
ध्यान देने योग्य बातें:- इस लेख में जितने भी बताये गए घरेलु नुस्खे हैं सब को एक साथ प्रयोग न करें किसी एक को करें अगर वो फायदा न करे तो दुसरे नुस्खे को प्रयोग करें। यदि पहले से ही खांसी के लिए दवा खा रहे हैं तो अपने डॉक्टर के सलाह से ही इस नुस्खे का प्रयोग करें। यदि आप मधुमेह रोगी हैं तो आप इस नुस्खे में बताये गए शहद, मिश्री और गुड़ वाले नुस्खे का प्रयोग न करें।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। नेचुरल वे क्योर इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।
FAQ
बहुत ही बढिया जानकारी मिली!
धन्यवाद!
Thank you.